Sunday, November 24, 2013

ग़ज़ल

दिल तो न दे सके तुम गम ही दे जाते,
ख़्वाबों में आने की आदत कम ही दे जाते।

वो पल लौटा दो जो तुमने हमसे लिए,
जी लेते फिर गर तुम हमको हम ही दे जाते।

यकीं, तुम्हे नहीं मोहब्बत हमसे मगर,
पल भर के लिए ही सही भरम ही दे जाते।

कल की वादियों में तुमने साँसे ली है।
आज की फ़िज़ा में जीने का दम ही दे जाते।

कैसे करें तुझ पर ऐतबार अब हम,
टूटे हुए वादों को तुम कफ़न ही दे जाते।

No comments: