खुद को न इतना बेकरार कीजिये
इश्क है तो फिर इज़हार कीजिये।
कुछ गम तो कुछ खुशियाँ है इसमें
खुदा पे न सही खुद पे ऐतबार कीजिये।
वो चाँद की चांदनी तुमसे दूर नहीं है
छटेंगे बादल थोड़ा इंतज़ार कीजिये।
इश्क़ में बेखुदी लाज़मी है मगर,
एक बार तो ज़िन्दगी में प्यार कीजिये।
और खुदा क्या मांगू ज़िन्दगी में अपने,
तू बस एक है चाहे दुआ हज़ार कीजिए।
इश्क है तो फिर इज़हार कीजिये।
कुछ गम तो कुछ खुशियाँ है इसमें
खुदा पे न सही खुद पे ऐतबार कीजिये।
वो चाँद की चांदनी तुमसे दूर नहीं है
छटेंगे बादल थोड़ा इंतज़ार कीजिये।
इश्क़ में बेखुदी लाज़मी है मगर,
एक बार तो ज़िन्दगी में प्यार कीजिये।
और खुदा क्या मांगू ज़िन्दगी में अपने,
तू बस एक है चाहे दुआ हज़ार कीजिए।