उनके बिना, मेरी ज़िन्दगी में कुछ भी तो नहीं,
दिन तो चढ़ता है, पर मेरी रात अभी भी है वहीँ।
कितना संभाला, दिल को कितना बहलाया भी,
पर दिल ये मेरा मेरी बात पे गौर करता ही नहीं।
ये फूलों पे उनके होठों के जो रंग है भिकरे,
देखो, खुदा भी इन्हें चूमने आज आया है ज़मीं ।
ये आसमां के सारे सितारे ताकते है जिसको,
है वो चाँद से भी खूबसूरत, होता नहीं उन्हें यकीं।
वो तो न आये, पर उनकी सदायें आती रहती,
आहें भरता हूँ जब भी लगता है वो है यहीं कहीं।
कभी तो हठ जायेंगे ये हया के परदे रुख से,
बस, धड़कने न थम जाये जब हो दीदार-ऐ-हंसी।
दिन तो चढ़ता है, पर मेरी रात अभी भी है वहीँ।
कितना संभाला, दिल को कितना बहलाया भी,
पर दिल ये मेरा मेरी बात पे गौर करता ही नहीं।
ये फूलों पे उनके होठों के जो रंग है भिकरे,
देखो, खुदा भी इन्हें चूमने आज आया है ज़मीं ।
ये आसमां के सारे सितारे ताकते है जिसको,
है वो चाँद से भी खूबसूरत, होता नहीं उन्हें यकीं।
वो तो न आये, पर उनकी सदायें आती रहती,
आहें भरता हूँ जब भी लगता है वो है यहीं कहीं।
कभी तो हठ जायेंगे ये हया के परदे रुख से,
बस, धड़कने न थम जाये जब हो दीदार-ऐ-हंसी।