Wednesday, December 24, 2008

Stand By Me

I never afraid of the darkness
I love the way it grows
It swallows the sun in its tummy
But never able to drove.

It took the fear out of me
I don't have a choice,
Because it stays for few hours
And then say a good bye.

Before the cock open its mouth
Twilight raises its arms'
And embraces the whole world
With happiness and romance.

But that does not mean
I am the bravest of all,
Fighting with every bit of fear
And standing like a wall.

It was you who made the difference ma
It was your lap where my head rests,
I clinches you whenever I am afraid
And your presence make me felt I am safe.

You taught me how to fight every fear
and I know you cant be wrong,
You said that I am the most adorable kid
In the world and that makes me more strong.

I never remember any incident
When you scold me for my mistakes
May be because you gave me only love
You don't care whatever it takes.

Now you are far away from me
And I haven't met you for months,
But you just stand by me for
The next hundreds years to come.

Tuesday, December 9, 2008

सुनी सड़क है, तनह सफर है।
जाना कहाँ है, किसको ख़बर है।
चल पड़े हैं राहो में युहीं,
मंजिल जाने, जाने किधर है ।

इठलाती है बलखाती है, राहें यह देखो कैसे इतराती है ।
अन्जानी है बेगानी है, क्या तेवर देखो दिखलाती है ।
अकेली नहीं ज़िन्दगी मेरी, अकेला न जाने की चाह है ।
मंजिल को किसने देखा है, साथ में बस मेरी राह है ।

शोर करने से ख्वाब हकीकत में नहीं बदलते,
पानी में चाँद को कैद करने से तारें नहीं पकड़ते ।
ज़िन्दगी का मज़ा तो ज़िन्दगी को जीने में आता है,
स्वर्ग का रस चकने का मज़ा दिल को नहीं भाता है ।

हर दिन सोचा की में अपने दिल का हिजार करूंगा,
एक दिन आँखें चार और टूट कर तुझसे प्यार करूंगा,
मेरा हर हिजार को पेरों से ठुकराया जाता है,
फिर भी मुझे मेरी हर कोशिश बहुत मज़ा आता है ।

दो प्रेमी मिलने की चाहत में ज़माने को अलविदा कह दिया,
अपनी मजार पर जाने कितने ताज महल बनवा दिया,
अगर वोह मिल पाते तो लैला मजनू न कहलवाते,
न लाखों प्रेमियों के भगवान् स्वरुप बन पाते ।

शायद तेरी है कमी

चाँद मैं चांदनी कम क्यों है,
दोड़ती ज़िन्दगी मद्धम क्यों है।
हर लम्हा सदियों सा क्यों लगे,
घर यह मेरा विराना सा क्यों लगे।

चलते चलते रुक क्यों जाता हूँ,
सीने को हाथो से थपथपाता हूँ।
बारिश न जाने अब लगती है नहीं,
दिल की यह आग भुजती क्यों नहीं।
शायद तेरी है कमी।

भंवरे फूलों से न मिलें, खुशबू जाने कहाँ गई।
कलियाँ देखो मुरझाने लगी, तितलियों की रंगत कहाँ गई।
मेरा यह आँगन सुना पड़ा है,
चमकते सूरज की रौशनी है नहीं,
शायद तेरी है कमी।

आजकल डोली न सजे, मेहँदी अच्छी न लगे,
बोली कर्कश सी लगे, गीतों मैं सुर न पड़े।
मेरी यह दुनिया तन्हाई का जहाँ है,
अकेला हूँ मैं, कोई साथी है नहीं।
शायद तेरी है कमी।

आंखों को मल दे, कुछ अपने पल दे।
अपने लेहेरों की बोछार, करता साहिल तेरा इंतज़ार।
वो लिपटे यादों को राहत दे,
फर्श पर अभी भी सिलवाते हैं पड़ी।
शायद तेरी है कमी।