Thursday, November 17, 2016

ग़ज़ल - 21/08/2016

मेरे जानिब से जो खुदको देखा मैंने 
तुझको देखा जब भी खुदको देखा मैंने।

इक नज़र जो तेरे जमाल से गुज़री मेरी  
मदहोश कर गया जो तुझको देखा मैंने। 

सहर भी अब क्या आफताब लाएगा! 
तेरे ज़िया में रोशन सबको देखा मैंने।

तू शादाब, तू नूर, तू ही है मंज़र मेरा,
तेरे सिवा जहाँ में किसको देखा मैंने?

कब से इक़तज़ाह थी वस्ल-इ-रब की,
तुझको देखा जब भी रबको देखा मैंने।

Saturday, January 10, 2015

ख़ामोशी का शोर

जिस गली से तुम रोज़ गुज़रते हो
उस गली में ही मैं बसर करता हूँ ।
तुम मुझे देख आँख चुरा लेते हो
मैं चुप रहता हूँ कुछ न कहता हूँ ।

तुम वादे करते हो मुझे अपनाने का।
मेरे दुखों को मुझसे दूर भगाने का।
वो तुम्हारे वादे, मैं याद दिलाता हूँ
अपने चेहरे के तासूर दिखलाता हूँ । 

मेरे भविष्य की तुमने कई बातें करी
बातों ही बातों में कितनी रातें करी।
भविष्य छोड़ो, वर्तमान ही सुधार दो।
हो सके तो कुछ अपनी रातें उधार दो।

आवाज़ तो तुमने भी मुझे लगाई है।
'छोटू' कहकर एक चाय मंगवाई है।
मैं भी तुम्हें एक आवाज़ लगाता हूँ ।
अपनी ख़ामोशी का शोर सुनाता हूँ ।

काश तुम मेरी ख़ामोशी सुन पाते ।
मेरी कैफियत महसूस ही कर जाते।
आँखों से ही थोड़ा दुलार दिखलाते।
एक बार 'छोटू' को छोटा भाई बुलाते ।

शायद ज़िन्दगी मेरी बदल भी जाये ।
अँधेरी रात को मिटाने सवेरा आये।
मुमकिन है जो तुम कोशिश करते।
एक बार मेरी खामोशी सुन सकते ।

Ek Baat ..

एक बात थी जो कई बातों में खो गयी।
सहर हुई नहीं जो मैं रातों में खो गयी।

दिल मेरा पूछता है बेकरारी का सबब,
मिलने से पहले मुलाकातों में खो गयी।

आते हैं वो बड़ी बेरुखी से आजकल घर,
हाल कौन पूछे मैं हालातों में खो गयी ।

पास होकर भी वो मेरे करीब नहीं होते,
ज़िन्दगी मेरी तो बिसातों में खो गयी । 

ये आंसू है मेरे या बारिश का पानी,
रंजिश थी जो इल्तिफ़ातों में खो गयी । 

Saturday, November 22, 2014

माँ ....

आसमां भी मिला तारे भी मिले,
माँ के कदमों में सारे ही मिले।

गोद में तेरी सर रख सोना ज़रा,
सुकूं मिला खुल्द के नज़ारे भी मिले।

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दुनिया मुझे अक्सर, रुसवा करती है।
एक माँ ही है जो दुलार सदा करती है।

उसकी आँखों में मैं नूर-ऐ-चश्म सही,
उसका यकीन ही उसे खुदा करती है।

उसके आँचल में मैंने मेरा आसमां पाया,
मैं सोता हूँ तो बस वो सजदा करती है।

दो वक़्त की रोटी में कितना भटका मैं,
पेट भरा जब एक कोर माँ अदा करती है।

अकेला हूँ तो ये जहाँ काफिर लगता है,
माँ हो साथ तो ज़िन्दगी भी वफ़ा करती है।

ग़ज़ल

देखो वो हमारी किस्मत बदलने चले हैं।
ख़ुदा से ख़ुदा को अलग करने चले हैं।

ये सियासत नहीं जो रास आ जाएगी।
ये दिल की लगी है तभी जलने चले हैं।

तुम काफ़िर हो तुम्हे किस बात का डर,
हम मोहब्बत में समंदर निगलने चले हैं।

नकाब उतारकर कभी आइना भी देख,
है बादाख्वार जो वाइज बनने चले हैं।

तुम क्या सिखाओगे जीने का हुनर हमें,
हमें मरने का शौक है सो मरने चले हैं।

Monday, July 14, 2014

शतरंज की बाजी

आज फिर लगी है शतरंज की बाज़ी,
एक तरफ मैं, तो  दूसरी ओर ज़िन्दगी।

काले मोहरे मेरे और उसके सफ़ेद हैं।
टक्कर का खेल काफी देर से चल रहा है।
ऊंट उसने मारे तो मैंने उसका हाथी
और दोनों के घोड़े तो मारे जा चुके हैं।

मैं अगली चाल सोच ही रहा था कि
ज़िन्दगी ने एक सवाल पूछ लिया।
ये तनहाई किस बला का नाम है?
मैं मुस्कराया और कुछ न कहा।

पर ज़िन्दगी चुप न बैठी और कहा
जानते हो, एक दिन चाँद को
धरती से मोहब्बत हो गई
और तब से वो धरती के
चक्कर लगाता रहता है।

न इल्म है उसे इस इश्क़ का
न खबर है क्या अंजाम होगा
बस तसल्ली है उसके दिल को
वो दूर तो है पर तन्हा नहीं है।

मैं फिर मुस्काया और कुछ न कहा।
पर जाने अंजाने ही समझ आ गया।
मैं फिर ज़िन्दगी की बातों में आ गया
मैं फिर शतरंज की बाजी हार गया। 

Sunday, July 13, 2014

माँ ने आज फिर लोरी गाकर सुलाया है

रोटी का नहीं, चाँद का टुकड़ा खिलाया है। 
माँ ने आज फिर लोरी गाकर सुलाया है। 

कोरी है थाली, न तो रोटी है, न साग है। 
लगता है चूल्हे में आज फिर न आग है।  
हाथों से पेट थपथपा भूख को मिटाया है। 
माँ ने आज फिर लोरी गाकर सुलाया है। 

सूखी धरा, कुएं का पानी लाल हो गया। 
कबसे न बरसे मेघ तो आकाल हो गया।  
पानी नहीं तो ठंडी चांदनी ही पिलाया है। 
माँ ने आज फिर लोरी गाकर सुलाया है। 

लिया क़र्ज़ झूले का, पर झूला न आया। 
दहकती ज़मीन पर सोना किसे है भाया। 
नींद नहीं आये तो आँचल में झुलाया है। 
माँ ने आज फिर लोरी गाकर सुलाया है। 

बीके हैं बर्तन, सारा सामान बिक गया। 
बची है छत, बाकी आसमान बिक गया। 
मेरे सपनों में ही अपना जहाँ बसाया है। 
माँ ने आज फिर लोरी गाकर सुलाया है। 

इस बेबसी में क्या-क्या न कर जाता मैं। 
जो माँ न होती तो पल में मर जाता मैं। 
खुदा ने उसे ज़मीन का खुदा बनाया है। 
माँ ने आज फिर लोरी गाकर सुलाया है।