वो शामें वो रातों को,
सहमी सी हर बातो को,
गैर हर जज्बातों को,
कह चले हम अलविदा।
जलती हुई धूप आँखों को,
पेड़ की गिरती शाखों को,
सुखी पड़ी बरसातों को,
कह चले हम अलविदा।
वो डूबती तैरती नाँव को,
रेत में बसे पक्के गाँव को,
धूप से सनी हर छाँव को,
कह चले हम अलविदा।
वो कसमें झूठे वादों को,
बूंदों से छोटे हर नातों को,
बेबस करते हालातों को,
कह चले हम अलविदा।