वो जाड़े की शाम वो सर्दी तमाम,
वो कोलेज का दिन वो थकती थकान,
आई वो सामने जो मेरे यार,
हो गया मुझके मेरा पहला प्यार।
मैंने न यह सोचा, मैंने न यह जाना
जाने किस बात पर बात हो गई।
शुक्रिया तो मैं हर एक का करुँ,
पहले दिन मैं मुलाकात हो गई।
लगने लगे आवाज़ जेसे पायल की झंकार,
हो गया मुझके मेरा पहला प्यार।
खींचू मैं उसको जाने क्यों मेरी ओर,
बांधे है बंधन ये प्रीत की है डोर।
कांटे न कटती तनहाईयाँ सनम,
पास हो जो तू रात हो जाए भोर।
लगने लगे पहर जैसे पल की बात,
हो गया मुझके मेरा पहला प्यार।
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